Saturday 12 May 2018

इंदिरा आवास योजना से प्रधानों की जेबें हो रही मालामाल

ज्ञानेंद्र पांडेय रिपोर्ट।2011 इंदिरा आवास योजना में खुलकर उड़ाई गई धज्जियां बड़े पैमाने पर हुई वसूली प्रधान वदलालों के द्वारा कराई जा रही वसूली जिला सीतापुर के तहसील लहरपुर के ब्लाक परसेंडी के ग्राम  सभा शेरपुर सरावा का मामला जो व्यक्ति पात्र थे उनको नहीं दिए आवास गरीब होने के कारण 20000 न दे पाने पर उनको आवास नहीं दिया गया जबकि इंदिरा आवास 2011 की सूची में उनका नाम भी है जैसे 48 नंबर इतवारी पुत्र चंदा 76 नंबर राकेश  पुत्र बिंद्रा जगन लाल पुत्र जग्गू निवासी सरावा भवानी दिन पुरवा मजरा सरावा जबकि जहां पर पैसे की ज्यादा धनउगाही हुई उनके बना दिए डबल आवाज जबकि पूर्व प्रधान रही विद्या देवी ने े आवास बनाए थे लेकिन वसूली ज्यादा होने के कारण मौजूदा प्रधान रेखा देवी न् आवास उन्हीं लोगों के बना दिए जिनके मकान भी पक्के थे पहले बन भी चुके थे दोबारा बने आवास लाभार्थी जगदीश पुत्र   छेदी निवासी पांडे पुरवा चंद्रभान  पुत्र राम लाल निवासी कुरैया गंगाराम पुत्र मलकू  रामखेलावन पुत्र बालक भवानी दिन पुरवा प्रकाश पुत्र रामअवतार करवरिया इन लाभार्थियों को पूर्व प्रधान विद्यादेवी ने आवास दिए थे लेकिन मौजूदा प्रधान रेखा देवी ने दोबारा आवंटित कर दिए खूब  धन उगाही उगाही के चक्कर में फंसा एक अति गरीब लाभार्थी मुन्नीलाल पुत्र गोबरे निवासी ग्राम अमहिया जो अनपढ़ है  लाभार्थी हैअंगूठा लगवा कर के का पूरा पैसा दिसंबर से जनवरी तक निकाल लिया गया आज तक नहीं बना आवास कहां गया पैसा जांच का विषय गफूर ग्राम सभा सरावा की पहली किस्त निकल गई कहां गया पैसा नहीं बना आवास मुन्नी पुत्र गोबरे का पैसा इलाहाबाद बैंक फ्रेंचाइजी शाखा अंगीठा चौराहा पर बैंक शाखा है किसान मित्र विजय कुमार के द्वारा निकाला गया पैसा कहां गया पैसा जांच का विषय जबकि ग्राम सभा सराय की मानें तो लगभग 90% आवास कंप्लीट हो चुके हैं लेकिन लगभग 50% आवास ऐसे हैं जिनमें आज तक ना खिड़की लगी ना पल्ले लगे ना लिसाई हुई जबकि ब्लाक पर सेंडी की सबसे बड़ी ग्राम सभा शेरपुर सरावा है क्या यह जांच का विषय नहीं है लेकिन अधिकारियों की जेब भर दी जाती हां इसी से जुड़ी एक जांच 5  मई 2018 को आई जिसने एडीओ पंचायत अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी oil ग्राम सभा में ना जाकर केवल प्रधान से मिलकर कुछ दलालों को बुलाकर के वहीं से वापस चले गए क्या ऐसे प्रधान व अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होनी चाहिए जो जेब भरने के चक्कर में पड़े हैं यह एक जांच का विषय है ऐसे प्रधान व ऐसे अधिकारियों पर सरकार को तुरंत जांच के आदेश देने चाहिए तभी माननीय प्रधानमंत्री जी का सपना साकार होग
इन दोनों आवासों में 240000 आना था लेकिन मात्र 180000 ही दिया गया शेष ₹700 प्रधान महोदय खा गए

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