Sunday 22 November 2020

सवर्ण एकता संघ ने मनाया स्थापना दिवस

कानपुर। आज राष्ट्रीय सवर्ण एकता संघ ने अपना सातवाँ स्थापना दिवस मनाया जिसमे संगठन द्वारा आचार्यों की उपस्थिति में रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया। जिसमें संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संस्थापक पंडित सत्यम तिवारी रावण व राष्ट्रीय महासचिव धनराज संदीप बाजपेई व प्रवक्ता पंकज मिश्रा जी ने पूजन कर रुद्राभिषेक पूर्ण किया उसके बाद सामाजिक चर्चाओं पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार संगठन ने समाजसेवा करते हुए अपने सात वर्ष पूर्ण किये। निरन्तर आरक्षण विरोधियो की आवाज बना संगठन व शोषित एवं वंचित समाज के लोगो के लिए कार्य किया। एक लाख व्रक्ष संगठन द्वारा लगवाए गए। इस तरीके की संगठन द्वारा चलाई गई पूर्व की मुहिम के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सत्यम तिवारी रावण ने चर्चा की व संगठन के साथ जुड़ चुके सभी राज्य व जिलास्तरीय कार्यकर्ताओ का आभार व्यक्त किया कि आप सभी का योगदान जिस प्रकार से हमे मिला उसका मैं हमेशा आभारी रहूंगा।
स्थापना दिवस के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अभिषेक द्विवेदी शुशील बाजपेई अंकित मिश्र देव तिवारी अतुल अवस्थी सहित कई अन्य संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

Wednesday 16 September 2020

पंडित सत्यम तिवारी नही लड़ेंगे जिपंचायत चुनाव

घाटमपुर।भारत के सबसे बड़े सवर्ण संगठन के मुखिया पंडित सत्यम तिवारी की अपने जन्मस्थान से जिला पंचायत चुनाव के प्रत्याशी के रूप में आने की जो चर्चाएं क्षेत्र में चल रही थी और लोगो द्वारा ऑनलाइन वोटिंग के तहत भी लोगो का रूझान देखा गया जिसमें समाजसेवी पंडित सत्यम तिवारी का नाम सर्वप्रथम व अन्य का दूसरा स्थान व लोगो की तीसरी पसंद वीरेंद्र त्रिवेदी भाजपा नेता और वही वर्तमान पंचायत प्रधान को एक मत भी हासिल नही हुआ।
परन्तु जब आज समय न्यूज ने पण्डित सत्यम तिवारी से चर्चा की तो उन्होंने  उन सभी चर्चाओं पर स्वयं पूर्ण विराम लगा दिया की वह जिपंचायत चुनाव नही लड़ेंगे उंनहोने कहा कि हमने कभी प्रत्याशिता का दावा नही किया यह लोगो का प्यार है जो मुझे प्रत्याशी के रूप में देखना चाहते है।पर मैं अभी चुनाव लड़ने की स्थिति में नही हु। आपको बता दे कि पंडित सत्यम तिवारी क्षेत्र व जिले के लिये कोई नाम नही है यह एक ऐसा नाम है जिसे अपनी पहचान बताने की आवश्यकता नही है इन्होंने सन 2014 में राष्ट्रीय सवर्ण एकता संघ की स्थापना की स्थापना करने के उपरांत कई लोगो का सहारा भी बने।समाजसेवा में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने का काम भी किया।संगठन द्वारा कोरोना काल मे हजारों लोगों की मदद सत्यम तिवारी के निर्दर्शन में हुई। परन्तु उंन्होने आज चुनाव लड़ने से साफ इंकार करते हुए कहा कि मैं एक समाजसेवी हु और समाजसेवी बनकर ही रहना चाहता हु।

Thursday 16 July 2020

ब्राम्हणों की हत्याओं पर सभी चुप क्यों?-रावण

कानपुर।आज राष्ट्रीय सवर्ण एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सत्यम तिवारी रावण ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि एक समय मे त्रिलोक के स्वामी महादेव व भगवान श्रीराम ने ब्राम्हण हत्याओं में दुख जताया है व प्रायश्चित भी किया है। मगर आज केंद्र व राज्य सरकार के कान में जू तक नही रेग रही कि उत्तर प्रदेश में इतनी ब्राम्हण हत्यायें क्यो हो रही है।
कब जगेगा ब्राम्हण व सवर्ण समाज
आज ब्राम्हण समाज की इतनी हत्यायें हो रही है फिर भी यह ब्राम्हण समाज पार्टियों की चाटुकारिता में लगा हुआ है।जब कोई भी सरकार व विपक्ष तक इस समाज के लिये नही बोल पा रहा है परन्तु ब्राम्हण समाज पार्टियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा है उसे अपने समाज से मतलब नही है केवल राजनीति चमकाने से मतलब है।
वही सवर्ण समाज को राजनीतिक दल घाव पे घाव देने का काम कर रहे है परन्तु सवर्ण समाज भी पार्टियों की चाटुकारिता में मस्त है पहले एक्ट्रोसिटी एक्ट फिर आरक्षण फिर पदोन्नति में आरक्षण कितने घाव देगी सरकार क्योंकि यह सवर्ण समाज घाव सहने की आदत डाल चुका है।
राजस्थान के हालात
पंडित रावण ने बताया कि राजस्थान में फिर एक बार जनमत का अपमान किया जा रहा है जिस तरह से भाजपा ने मध्यप्रदेश में तोड़ जोड़ के सरकार बना ली उसी तरीके से अब राजस्थान में भी सरकार बनाना चाहते है। 
किंतु यह नही जानते कि आज जनता पागल नही है आप सभी राजनेताओं ने जनमत का अपमान करना सीख लिया है जनता किसी को भी चुने परन्तु बनना आपको ही है तो फिर जनता के वोट की क्या आवश्यकता है।
पंडित रावण ने कहा कि अगर ब्राम्हण हत्याएं बन्द नही होती तो उग्र आंदोलन होगा उत्तर प्रदेश में।

Friday 10 July 2020

उत्तर प्रदेश में ब्राम्हणों के साथ निरन्तर दुर्व्यवहार

कानपुर। आज राष्ट्रीय सवर्ण एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सत्यम तिवारी जी द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि आज उत्तर प्रदेश में विप्र समाज की जो दशा है वह दयनीय है इसके लिये सरकार भी कोई अग्रिम कार्यवाही नही कर रही है कैसे इस व्यवस्था का सुधार होगा कोई नही जानता।विप्र समाज की विवशता सरकार की नाकामी को दर्शाती है । 11 दिन में 24 ब्राम्हणों की हत्या और किसी को भी न पकड़ा जाना। यह समाज की स्तिथि को और दयनीय बना रही है। अब जरूरत है विप्र समाज अपने आपको पहचान कर एकता के बंधन मव बंधे तभी समाज सुरक्षित हो सकता है। संगठन द्वारा सदस्यता अभियान की भी शुरुआत की गई संगठन ने सदस्यता हेतु व्हाट्सअप न.8299037499 की शुरुआत की गई।