Thursday 26 July 2018

क्यों नहीं करवाते अभिभावक अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में एडमिशन

जाने इस रिपोर्ट के माध्यम से ब्रेकिंग 25 जुलाई 2018 s न्यूज़ ब्यूरो संवाददाता ज्ञानेंद्र पांडे सीतापुर उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर की तहसील लहरपुर के ब्लाक बेहटा की न्याय पंचायत भरतपुर के प्राथमिक विद्यालय जो पूर्व माध्यमिक विद्यालय ग्राउंड में स्थित है वहां एस न्यूज़ संवाददाता ज्ञानेंद्र पांडे साथ में रिपोर्टर दिवाकर त्रिवेदी ने जाना स्कूल में बच्चों के एमडीएम के विषय में जाना और टीम के साथ एमडीएम को चेक किया गया जो पूर्ण गुणवत्ता में बनाया गया  उसके बाद  स्कूल में पढ़ रहे बच्चों से टीचरों के विषय में जानना चाहा तो वहां पर मौजूद कक्षा 2 का छात्र शिवांश के अभिभावक शोभित त्रिवेदी पुत्र कैलाश नाथ त्रिवेदी आ गए उन्होंने मीडिया के सामने बताया कि उनका बच्चा शिवांश उम्र 7 वर्ष ने बताया कि मेरा बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था तो सुरक्षित था लेकिन सरकारी स्कूल में असुरक्षित है मेरे बच्चे के 24 जुलाई 2018 को स्कूल टाइम में कमरे के दरवाजे की कुंडी में बहुत तेजी से टकरा गया जिससे बच्चे के सर में काफी चोटें आई सर फट गया लेकिन किसी अध्यापक ने यह जहमत नहीं उठाई कि उसको डॉक्टर के वहां ले जाया जाए और माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले उनके परिवार के लड़के के द्वारा उस बच्चे को भिजवा दिया वालों ने पूछा तो वह लोग स्कूल गए जहां पर प्रधानाध्यापक दया शुक्ला जी से जन शिकायत की तो उन्होंने कहा कि बच्चे को ले जाओ अपना इलाज करवाओ जाकर यहां कोई इलाज की व्यवस्था नहीं है तो आनन-फानन में बच्चे को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नकहा गए जहां पर उसका ट्रीटमेंट कराया जब अध्यापक अपने स्कूल टाइम में बच्चे का ध्यान नहीं रख सकते तो पढ़ाएंगे क्या  अभी कुछ अभिभावकों का कहना है कि हम अपना बच्चा स्कूल 7:00 बजे भेजते हैं स्कूल 12:30 बजे आता है इस बीच में अगर कोई घटना घटती है तो जिम्मेदार कौन होता है अध्यापक का दायित्व होता है या तो गार्जियन को बताएं या अध्यापक खुद उसका ट्रीटमेंट करवाएं तो क्यों नहीं इस बच्चे का ट्रीटमेंट नहीं कराया जबकि स्कूल से उस बच्चे के घर की दूरी 500 मीटर है 7 साल का बच्चा खून से लतपत पैदल घर आता है घर में बताने के बाद जब गार्जियन स्कूल जाते हैं तो अध्यापक कहते हैं कि जो करना है करो जा कर यह कोई व्यवस्था नहीं इस तरीके से अगर परिषदीय विद्यालयों में होता रहा तो कोई भी अभिभावक नहीं करवाएगा सरकारी विद्यालयों में एडमिशन जबकि ऐसे अध्यापकों को चिन्हित करके शिक्षा विभाग को ठोस कदम उठाने होंगे अभिभावक अपने बच्चे को सुरक्षित नहीं महसूस करेगा तो क्यों भेजेगा स्कूल प्राइवेट में करवाएगा एडमिशन जहां पर बच्चा सुरक्षित रहे s न्यूज़ समय की खबर के ब्यूरो संवाददाता ज्ञानेंद्र पांडे संग दिवाकर त्रिवेदी ने प्रधानाध्यापक दया शंकर शुक्ला जी से पूछा तो उन्होंने बताया कि बच्चे के चोट सर में चोट काफी लगी है लेकिन यहां ट्रीटमेंट की कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए बच्चे को घर भेज दिया गया घर वाले इसका ट्रीटमेंट करवाएं यह स्थित है प्राइमरी स्कूलों की कौन अपने बच्चे को भेजेगा स्कूल जो बच्चा सुरक्षित न रहे इस विषय पर खंड शिक्षा अधिकारी लहरपुर को जांच करनी चाहिए कि क्यों नहीं अभिभावक करवाते परिषदीय विद्यालयों में एडमिशन सबसे बड़ा यही सवाल है जो बाहर के टीचर हैं वह तो टाइम से भले ही आ जाते हैं लेकिन नजदीक के टीचर का रवैया बहुत ही गड़बड़ है केवल टाइम पूरा करते हैं जबकि स्कूल में मौजूद प्रधानाध्यापक दया शंकर शुक्ला जी अध्यापक श्री लायक सिंह जी राजू तिवारी जी जबकि सरिता देवी प्रसूता अवकाश पर हैं वैशाली जी मेडिकल पर हैं स्कूल में स्कूल एडमिशन 268 है उपस्थिति लगभग 175 क्या कारण है कि आधे बच्चे आते हैं जुलाई माह हमें आगे क्या होगा भगवान भरोसे जबकि रसोईया तीनों उपलब्ध मिली का हाल है

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