Friday 29 June 2018

प्राधान कैसे लूटते है सरकारी खजाना जाने पूरी खबर

ब्यूरो संवाददाता सीतापुर ज्ञानेंद्र पांडे 27 मई 2018 प्रधान सरकार को कैसे लगाते पलीता कैसे लूटा जाता योगी सरकार में खजाना रिपोर्टर ज्ञानेंद्र जिला सीतापुर के ब्लाक बेहटा के ग्राम सभा तेजवापुर का मामला हाल ही में बनी इंटरलॉकिंग जिसके ठेकेदार खुद प्रधान के पिता बनवारी लाल निवासी ग्राम तेजवापुर जबकि तेजवापुर के मजरा  खनिया पुर अहिरन पुरवा का पुरवा टॉपर पुरवा इत्यादि गांव में कोई भी धरातल पर कार्य नहीं है ना ही स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौचालय कागजों पर भले ही बने हो ना किया गया कोई कार्य छुटपुट कार्य दिखाए गए लेकिन हद पार हो गई ग्राम सभा तेजवापुर देखकर जहां पर डेढ़ माह पूर्व अप्रैल 2018 में बनाई गई इंटरलॉकिंग और साइड में नाली जिसकी ठेकेदार मौजूदा प्रधान के पिता बनवारीलाल थे जिसमें मैं लेबर एजेंट रूप नारायण के द्वारा लेबरों से कार्य करवाया गया डमरू वाला   लगवाया गया सफेद वाला डमरु वह पहले से छिटका व टूटा था लेकिन सस्ते दामों पर मिला ही था क्या देखकर प्रधान ने मिट्टी के ऊपर ही लगवा दी इंटरलॉकिंग जो 2 महीने के अंदर ही नालियां टूट गई इंटरलॉकिंग ईटा उखड़ गए इस विषय पर प्रधान से बात करना चाहा तो बाहर थे ग्राम विकास अधिकारी ज्ञानेंद्र जी से बात किया की एक माह के अंदर नालियां कैसे ध्वस्त हुई इंटरलॉकिंग कैसे टूटी  किस मानक में बनाई गई  तो ग्राम विकास अधिकारी ने बताया कि हम इसे दोबारा प्रधान से बात करके दोबारा कर व दिया जाएगा ग्राम विकास अधिकारी से दुबारा जानकारी ली  तो बताया सही करवा देंगे  यह भी  एक  गंभीर जांच का विषय है क्यों पहले से खराब मानक में कराया गया कार्य क्यों प्रधान जी के पिता को दिया गया टेंडर का कार्य प्रधान अखिलेश कुमार के पिता जी अगर ठेकेदार है तो कैसे करवा सकते है काम किस किताब का रूल है या नियम है की बेटा प्रधान है बाप ठेकेदार बनकर कार्य करवाए अपनी ही ग्राम सभा में यह भी एक घोर अपराध है और जांच का विषय है अगर प्रधान के पिता ने काम करवा भी दिया तो मानक में होना चाहिए था जो सराहनीय होता  क्योंकि  वह प्रधान अखिलेश कुमार जी के पिताजी थे फिर भी सराहनीय कार्य की बात दूर रही  अप्रैल 2018 में लगी इंटरलॉकिंग कैसे उखड़ गई  कैसे टूट गई दोनों तरफ की नालियां कहां गई लाखों रुपए सरकार का कहां गया यह भी एक जांच का विषय है खूब उड़ाई गई मानक की धज्जियां यह भी एक जांच करने का विषय है कि जब प्रधान के पिता ने ही अपने हाथों से बनवाई इंटरलॉकिंग गुरु सहाय पुत्र रामसेवक के मकान से सुरेंद्र पुत्र कन्हैयालाल के मकान तक लगी इंटरलॉकिंग लाखों रुपए का किया गया घोटाला यह भी एक जांच का विषय बीच का हिस्सा उठा हुआ इंटरलॉकिंग साइड की टूट गई इंटरलॉकिंग डमरु वाली ईट किस फर्म से मंगाई गई ईटा जो घटिया थी और टूटी थी  साइड में नीचे जमीन में धंस गई क्योंकि मिट्टी के प्रकार पर लगाई गई इंटरलॉकिंग  जो सरासर गलत है मानक की धज्जियां उड़ाते हुए पेवर बालू से बनाई गई नाली जो नाली दोनों तरफ की टूट गई किस मानक में करवाया गया कार्य  यह भी एक जांच का विषय है घोर अपराध का विषय है इंटरलॉकिंग का काम जो 2 महीने में बिना बरसात के ही पहले  ध्वस्त हो गई इंटरलॉकिंग यह भी एक घोर अपराध है पुनः जांच के आदेश होने चाहिए दूसरा कार्य खड़ंजा गया प्रसाद रामसागर के मकान से हेम कुमार के मकान तक फिर रूपनारायण के मकान से काशी के मकान तक खरंजा में कोई नाली नहीं बनाई गई नया और पुराना दोनों मिलाकर कराया गया खड़ंजे का कार्य क्यों नहीं बनाई गई यह भी एक जांच का विषय है अगर जांच हुई तो ग्राम सभा तेजवापुर में कईयों लाख रुपए का घोटाला उजागर होगा लेकिन कौन करेगा जांच जब एक शिकायत पर  अधिकारी  प्रधान श्री लेते लेते हैं चंद पैसे तो कैसे होगी पूर्ण जांच ऐसा ही एक मामला ब्लाक पर सेंडी के  न्याय पंचायत गोरिया जाल के ग्राम सभा मेवाराम रामनगर में आए जांच करने एडीओ पंचायत परसेंडी  ने  वहां की मौजूदा प्रधान नसरीन बानो से कहा कि तुम्हारे यहां जांच करने हैं कहा कि करो  जिस पर चंद पैसों की मांग करते हुए प्रधान के द्वारा  पैसा ना देने पर के मना करने पर कार्रवाई की रुआब दिखाते हुए  धमकाते हुए वापस चले गए  इस तरीके के अधिकारी जब चंद पैसे लेने पर मजबूर करते हैं प्रधान ओ को  तो इसकी जांच कौन करें  जो निष्पक्ष जांच हो सके  प्रधान हो या अधिकारी  जिसके खिलाफ कार्रवाई हो सके  नहीं करता कोई कार्रवाई ऐसे ही प्रधान सरकार की नीतियों को आगे नहीं पीछे से खींचते हैं की किसी भी तरीके से छवि खराब होनी चाहिए जो लोगों के दिलों दिमाग में संदेश पहुंचे की इस सरकार में कोई कार्य नहीं होता ना कोई सक्षम अधिकारी से जांच होती जो दूध का दूध पानी का पानी कर सके कार्य की जांच का मामला अगर पूरी ग्राम सभा की बात छोड़कर केवल तेजवापुर ग्राम सभा में  इंटरलॉकिंग की गुरु सहाय पुत्र रामसेवक के मकान से सुरेंद्र पुत्र कन्हैयालाल के मकान तक लगी इंटरलॉकिंग की जांच करवा ली जाए पूरी ग्राम सभा नहीं ब्लाक की हकीकत सामने आ जाएगी यह सारे कार्य बिना अधिकारी के मिले संभव नहीं होते  है लिए जांच के आदेश जरूर देने चाहिए कोई भी अगर खबर की जानकारी किसी पोर्टल पर लिखी जाती है तो अधिकारी पैसा वसूलने के चक्कर में कार्यवाही नहीं करते पैसा वसूलने का बन गया एक तरीका यह भी एक जांच का बड़ा विषय है सफाई कर्मी कोई आता ही नहीं जबकि दो दो सफाई कर्मी तैनात है कौन बनाता है पैरोल कैसे निकलता है वेतन इस विषय पर एडीओ पंचायत से बात किया तो बताया की पैरोल प्रधान बनाते हैं प्रधान से जब बात नहीं हुई तो फोन बंद मिला इस पर डीपीआरओ सीतापुर से बात की गई जिस पर उन्होंने बताया कि मैं एडीओ पंचायत बेहटा से बात करता हूं फिर बताता हूं दुबारा फोन नहीं उठा जबकि सफाई कर्मी लगे हैं अधिकारियों के बंगले पर चमचेगिरी में गांव में कौन सफाई करें केवल माननीय ही झाड़ू हाथ में लेकर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करते हैं और स्वच्छ भारत अभियान के सपने को साकार करने में तन मन से सहयोग करते हैं लेकिन सफाई कर्मी अपने घर में मस्त रहते हैं किस बात की लेते तनख्वाह यह भी एक जांच का विषय है कौन बनाता पैरोल बिना कार्य किए का यह भी एक जांच का विषय है कैसे इंटरलॉकिंग का अपने पिता बनवारी लाल को दे दिया ठेका यह भी एक जांच का विषय है प्रधान अखिलेश ने अपने पिता  को कैसे दिया  टेंडर इंटरलॉकिंग का कार्य यह  भी एक जांच का विषय है घोर अपराध है जब घर का ही सदस्य करवाएगा कार्य तो प्रधान के कार्य को कौन कहेगा अच्छा या बुरा इसी का उदाहरण जब 2014 मे लोकसभा के चुनाव में जीती भाजपा की महिला सांसद रेखा वर्मा ने अपने घर के सदस्य को बनाया था प्रतिनिधि तो माननीय प्रधानमंत्री जी ने 24 घंटे के अंदर निर्देश दिए थे कि कोई भी अपना घर का प्रतिनिधि नहीं बना सकता है जिस पर सांसद ने तुरंत अपना प्रतिनिधि हटाकर  दूसरे को प्रतिनिधि बनाया था  क्या वह कथन 2014 का प्रधान लोग भूल गए जो अपने ही घर वालों की बात दूर रही अपने पिता बनवारीलाल को दे दिया ठेका इंटरलॉकिंग का ठेका दे दिया कौन कहेगा अच्छा या बुरा यह भी एक जांच का विषय है माननीय मुख्यमंत्री जी को DM महोदय सीतापुर को निर्देशित करते हुए एक टीम बनवाकर हर ब्लॉक में  चाहे प्रधानमंत्री आवास हो चाहे स्वच्छ भारत के अभियान में  बनाए गए  शौचालयों या ग्राम सभा के  अन्य  कार्य हो   जब तक हर ब्लॉकों की जैसे परसेंडी ब्लॉक सांडा ब्लॉक बेहटा ब्लॉक लहरपुर ब्लॉक हरगांव ब्लाक एलिया  सीतापुर के इत्यादि ब्लॉकों की एक-एक ग्राम सभा की निष्पक्ष जांच नहीं होगी तब तकघूसखोरी बंद नहीं होगी अन्यथा सरकार चाहे जितनी चौपाल लगा ले चाहे जो कुछ करें लेकिन प्रधानों की दलाली नहीं रुक पाएगी कोई भी पत्रकार लिखता है तो कोई भी अधिकारी गंभीरता से नहीं लेता क्योंकि सबके पास पहुंचता होगा पैसा किस अधिकारी का नाम लिखा जाए यह भी एक सोचने का विषय है ब्यूरो

No comments:

Post a Comment