Wednesday 17 January 2018

लखनऊ में पुलिस अभ्यर्थियों ने किया धरना प्रदर्शन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक तरफ करीब 42 हजार सिपाहियों के भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ पुराने परिणाम सामने न आने से परेशान अभ्यर्थियों ने लखनऊ में जमकर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं कुछ अभ्यर्थी तो विरोध प्रदर्शन के दौरान गोमती नदी में कूद गए। हालांकि उन्हें सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।

लक्ष्मण मेला मैदान में धरना प्रदर्शन किया

नाराज मेरिट बेस्ड सिपाही भर्ती में शामिल हुए हजारों अभ्यर्थियों ने बुधवार को सड़क रैली निकालकर लक्ष्मण मेला मैदान में धरना प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती के प्रदेश अध्यक्ष वीर बहादुर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार पहले पुरानी भर्ती प्रक्रिया पूरी करे। इससे पहले नई भर्ती प्रक्रिया को कराया जाना कदापि बर्दाश्त नहीं होगा। जब तक सरकार अभ्यर्थियों के साथ न्याय नहीं करेगी, तब तक अभ्यर्थी मैदान छोड़कर नहीं जाएंगे।

‘वर्दी दो, या फांसी दो’ के गूंजे नारे

प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों ने सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए सरकार से वर्दी दो, या फांसी दो के नारे लगाए। अभ्यर्थियों ने नयी भर्ती प्रक्रिया के विरोध में आत्मदाह करने की भी चेतावनी दी। बता दें कि
उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती के जिला अध्यक्ष कन्नौज के दीपक राजपूत ने बताया कि इस भर्ती प्रक्रिया में 34716 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसमें हाईस्कूल और इंटर में अंकों के आधार और शारीरिक परीक्षा में पास होने पर भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई थी। मामला कोर्ट में जाने के बाद भी नई भर्ती प्रक्रिया कराई जा रही है, जबकि 9 अक्टूबर 2017 को फैसला आने के बाद भी पुरानी भर्ती प्रक्रिया पर तीन महीने से सरकार ने चुप्पी साध रखी है।

अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच हुई झड़प

सुबह ट्रेन से पहुंचे सैकड़ों अभ्यर्थियों को चारबाग से लक्ष्मण मेला मैदान तक पहुंचाया जाना था। इस बीच कैसरबाग और परिवर्तन चौक चौराहे के बीच पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच कहासुनी भी हो गई। मनमानी कर रहे अभ्यर्थियों को सुरक्षा बंदोबस्त में लगे पुलिस कर्मियों को लाठी से खदेड़ना पड़ा। हालांकि, अभ्यर्थियों ने परिवर्तन चौराहे पर बैठ कर घंटों प्रदर्शन किया।

परीक्षा के अंतिम परिणाम घोषित होने पर रोक लगा दी थी

गौरतलब है कि दिसंबर 2015 में 34716 पदों के लिए सिपाहियों की भर्ती निकाली गई थी। इसमें 28,916 पुरुष और 5800 महिला आरक्षियों के पद शामिल थे। ये भर्तियां मेरिट के आधार पर होनी थीं। लेकिन हाईकोर्ट ने 27 मई 2016 को मामले में परीक्षा के अंतिम परिणाम घोषित होने पर रोक लगा दी थी।

पहले पुरानी भर्ती के परिणाम पहले घोषित किए जाने की मांग

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का आरोप है कि पुरानी भर्ती के परिणाम पहले घोषित किए जाएं। उसके बाद नई भर्ती शुरू की जाए। उन्होंने सरकार पर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उधर यूपी पुलिस में 41,520 सिपाहियों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है। ऑनलाइन आवेदन 22 जनवरी से 22 फरवरी तक मांगे गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष जीपी शर्मा ने बताया कि 23,520 नागरिक पुलिस और 18000 पीएसी आरक्षी की सीधी भर्ती होगी। खिलाड़ी कोटे से होने वाली 480 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अभी शुरू नहीं होगी। इस भर्ती का नाम सिपाहियों की सीधी भर्ती-2018 दिया गया है। नागरिक पुलिस में महिलाओं के लिए 4704 पद आरक्षित हैं।

सरकार की तरफ से कोई अड़ंगा नहीं : कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह

वहीँ अभ्यर्थियों के इस आरोप के बाद सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखा। सिद्धार्थनाथ ने कहा कि जिस पुरानी भर्ती को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं, उसमें सरकार की तरफ से कोई अड़ंगा नहीं लगाया गया है।

उन्होंने कहा, “पुरानी भर्ती का मामला अदालत में लंबित है। सरकार ने पुरानी भर्ती को लेकर अपना पक्ष अदालत के सामने रख दिया है। सरकार ने कहा है कि पुरानी भर्ती पुराने नियमों के आधार पर की गयी थी। नई सरकार बनने के बाद पुलिस भर्ती की नई नियमावली बनायी गयी है। उसके तहत 41 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती भी निकाली गई है।”

सिद्धार्थनाथ ने कहा कि हमने अदालत से यह कहा है कि इस मामले में उच्च न्यायालय का जो भी फैसला होगा वह सरकार मानेगी। अब इसे लेकर अंतिम फैसला अदालत को ही करना है। पुलिस में 41,520 सिपाहियों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। ऑनलाइन आवेदन 22 जनवरी से 22 फरवरी तक मांगे गए हैं।

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